Yogendra Yadav: Life, Career, and Political Journey
November 28, 2025 | by gangaram5248@gmail.com

योगेंद्र यादव: एक प्रखर विचारक और राजनीतिज्ञ
जन्म: 5 सितंबर 1963, एक भारतीय सामाजिक कार्यकर्ता, प्रेक्षणविद् (psephologist) और राजनीतिज्ञ हैं, जिनकी मुख्य रुचि राजनीतिक और सामाजिक विज्ञान में है। वे 2004 से 2016 तक दिल्ली स्थित Centre for the Study of Developing Societies (CSDS) में सीनियर फेलो रहे।वे 2010 में भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा गठित विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) तथा नैशनल एडवाइजरी काउंसिल – राइट टू एजुकेशन एक्ट (NAC-RTE) के सदस्य रह चुके हैं।2015 तक वे आम आदमी पार्टी (AAP) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य रहे।
योगेंद्र यादव स्वराज अभियान और जय किसान आंदोलन के संस्थापक सदस्य हैं। वे पंजीकृत राजनीतिक दल स्वराज इंडिया के संस्थापक राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे। वे वर्तमान में भारत जोड़ो अभियान के राष्ट्रीय संयोजक हैं।
योगेंद्र यादव के पिता अर्थशास्त्र के प्रोफेसर थे और उनके पितामह शिक्षक थे। उनकी पत्नी मधुलिका बनर्जी दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रोफेसर हैं।उनका बचपन का नाम सलीम था, जो आमतौर पर मुस्लिम समुदाय में प्रचलित है। पाँच वर्ष की आयु में स्कूल के बच्चों द्वारा मज़ाक उड़ाने पर उनका नाम बदलकर योगेंद्र रखा गया।यादव बताते हैं कि उनका पुराना नाम और परिवार-मित्रों द्वारा उसका उपयोग उनके दादा की 1936 में हुए सांप्रदायिक दंगे में हत्या के प्रति परिवार की भावनात्मक प्रतिक्रिया का प्रतीक है।
शैक्षणिक करियर और शोध-CSDS में शामिल होने से पहले वे 1985 से 1993 तक पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ में राजनीति विज्ञान के सहायक प्रोफेसर थे।
1995–2002 के बीच वे लोकनीति नेटवर्क के संस्थापक-संयोजक रहे।
1997 से 2003 तक वे CSDS के लोकनीति तुलनात्मक लोकतंत्र कार्यक्रम के संस्थापक-निदेशक रहे।
1996 से वे दूरदर्शन, NDTV, CNN-IBN सहित कई भारतीय टीवी चैनलों पर प्रेक्षणविद् और राजनीतिक विश्लेषक रहे।
2010 में उन्हें शिक्षा का अधिकार कानून लागू करने के लिए गठित राष्ट्रीय सलाहकार परिषद का सदस्य नियुक्त किया गया।
2004 में वे CSDS में सीनियर फेलो बने।
राजनीति-2011 में उन्होंने देशव्यापी भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन का समर्थन किया और कार्यक्रमों में सक्रिय रूप से बोले। बाद में वे आंदोलन से उभरकर बनी आम आदमी पार्टी में शामिल हुए और पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य बने।उनका AAP से जुड़ना जुलाई 2011 में UGC सदस्य के रूप में उनकी नियुक्ति के साथ हितों के टकराव के रूप में देखा गया, जिसके चलते सितंबर 2013 में मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने उन्हें UGC से हटा दिया। यादव ने तर्क दिया कि यह हितों का टकराव नहीं था।उन्होंने 2014 का लोकसभा चुनाव गुरुग्राम से AAP उम्मीदवार के रूप में लड़ा, जहाँ वे चौथे स्थान पर रहे और उनकी जमानत जब्त हो गई।4 मार्च 2015 को उन्हें AAP की राजनीतिक मामलों की समिति (PAC) से हटा दिया गया।28 मार्च को उन्हें “विरोधी-पार्टी गतिविधियों” के आरोप में पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी से भी बाहर कर दिया गया। अप्रैल 2015 में उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया गया।यादव ने आरोपों से इंकार करते हुए कहा कि उन्होंने पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल के “तानाशाही” तरीके पर सवाल उठाए थे, इसलिए उन्हें निशाना बनाया गया।प्रशांत भूषण, आनंद कुमार और अजीत झा के साथ मिलकर उन्होंने स्वराज अभियान की स्थापना की।2019 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने दिल्ली के मतदाताओं से NOTA चुनने की अपील की और इसे “No Till an Alternative” बताया।वे 2020–2021 के किसान आंदोलन का नेतृत्व करने वाले संयुक्त किसान मोर्चा की समन्वय समिति के सदस्य हैं।2022 में उन्होंने राहुल गांधी के नेतृत्व वाले भारत जोड़ो यात्रा में हिस्सा लिया और इसे दक्षिण से उत्तर की ओर सांस्कृतिक प्रभाव ले जाने वाली “दक्षिणायन यात्रा” बताया।
अंग्रेज़ी-विरोध और हिंदी को माध्यम बनाने का विरोध
वे उच्च शिक्षा में अंग्रेज़ी को शिक्षण माध्यम के रूप में हटाने के समर्थक हैं, लेकिन इसके स्थान पर हिंदी को लाने का विरोध करते हैं।
उनका कथन है:
“आज अंग्रेज़ी का वर्चस्व जितना बर्बर है, उतना ही बर्बर मेरे लिए हिंदी को उसका विकल्प बनाना है।”
वे उच्च शिक्षा मातृभाषाओं में देने के पक्षधर हैं।
पुरस्कार और सम्मान
- 2008: मैल्कम आदिशेषैया पुरस्कार (विकास अध्ययन के लिए)
- 2009: ग्लोबल साउथ सॉलिडैरिटी अवार्ड – अंतरराष्ट्रीय राजनीति विज्ञान संघ द्वारा
योगेंद्र यादव ने अनेक लेख और पुस्तकें लिखी हैं।
वे European Journal of Political Research, समयिक वार्ता और हिंदी समाज विज्ञान श्रृंखलाओं लोकचिंतन एवं लोकचिंतक ग्रंथमाला के संपादक/सलाहकार रहे।
पुस्तकें
- Making Sense of Indian Democracy: Theory as Practice (2020)
- State of Democracy in South Asia (2008) – सह-लेखन (संदीप शास्त्री और के. सी. सूरी के साथ)
- Electoral Politics in Indian States (2009)
- Democracy in Multi-national Societies (2010) – सह-लेखन (अल्फ्रेड स्टेपान और जुआन लिंज़ के साथ)
- Democratic Politics – 1 (2006) – NCERT (सह-सलाहकार: सुहास पालशिकर)
- Democratic Politics – 2 (2006) – NCERT
- Modiraj Main Kisan, Double Aamad, ya Double Aafat (2018) – मोदी सरकार के दौरान कृषि संकट पर
- Research papers
- Redesigning Affirmative Action: Castes and Benefits in Higher Education
(सतीश देशपांडे के साथ)
Image by Aapkabalram, CC BY-SA 3.0 https://creativecommons.org/licenses/by-sa/3.0, via Wikimedia Commons
Buy:
Our Living Constitution: A Concise Introduction & Commentary Hardcover – 10 May 2025
by Shashi Tharoor (Author)
https://amzn.to/4890iOAMy Journey: Transforming Dreams into Actions Paperback – Illustrated, 27 August 2013
by A.P.J. Abdul Kalam (Author)
RELATED POSTS
View all